उत्तराखंड ज्योतिष रत्न आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल का आया बड़ा बयान – जन्माष्टमी का व्रत 18 अगस्त को रखा जाना शास्त्र सम्मत
- जन्माष्टमी का व्रत अट्ठारह तारीख को रखा जाएगा
- महात्माओं का व्रत 19 तारीख को रहेगा
देहरादून, अमर उजियारा संवाददाता, 17 अगस्त 2022
जन्माष्टमी के व्रत पर असमंजस की स्थिति को देखते हुए जनता की मांग पर उत्तराखंड ज्योतिष रत्न आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने बड़ा बयान जारी किया है खास बात यह है कि उनका बयान जारी होते ही उत्तराखंड एवं उत्तर प्रदेश सरकार ने भी अवकाश बदल दिया है। 18 अगस्त के बजाय जन्माष्टमी का अवकाश 19 अगस्त को कर दिया गया है।
जारी बयान में डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने कहा कि 18 अगस्त को दिन भर सप्तमी तिथि है और रात को 9:21 से अष्टमी तिथि प्रारंभ हो रही है यदि उस दिन रोहिणी नक्षत्र आ जाता तो निश्चित रूप से बहुत बड़ा संयोग बन जाता परंतु गृहस्ती लोग व्रत 18 तारीख को ही रखेंगे क्योंकि कृष्ण पक्ष की अष्टमी सप्तमी युक्त लेने का ही शास्त्रीय विधान है , इसलिए गृहस्ती लोग 18 तारीख को व्रत रखे परंतु शर्त यह है कि रात्रि को भोजन पहले तो 12:00 बजे अन्यथा 10:30 बजे से पहले बिल्कुल भी ना करें जबकि योगी और महात्मा 19 तारीख को ही व्रत रखेंगे।
इसका कारण स्पष्ट करते हुए व्यास गद्दी में आसीन होने वाले आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने कहा कि –
क्योंकि भगवान का जब तक जन्म नहीं हुआ था मथुरा में तब तक गृहस्थी लोग प्रार्थना कर रहे थे कि कंस जैसे अत्याचारी से हमें मुक्ति मिले इसलिए उन्होंने भगवान के अवतरण से पहले व्रत रखा और जब भगवान श्री कृष्ण ने अवतार ग्रहण कर लिया तो महात्माओं की समाधि टूटी और उन्होंने दूसरे दिन व्रत रखा। जबकि गृहस्थ धर्म वाले लोगों ने उस दिन जन्माष्टमी को खूब त्यौहार की तरह मनाया।
परंतु इस वर्ष न तो रोहिणी नक्षत्र 18 तारीख को आ रहा है और न 19 तारीख को आ रहा है परंतु 19 अगस्त को अष्टमी तिथि उदय व्यापिनी है और बाद में नवमी तिथि लग जा रही है इसलिए केवल संत महात्मा ही उस दिन व्रत रख सकते हैं। गृहस्थ धर्म वाले लोग नहीं रख सकते हैं।
डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल शिक्षा विभाग में सहायक निदेशक भी हैं और ज्योतिष जगत में अंतरराष्ट्रीय हस्ताक्षर हैं इसलिए उनके बयान को देखते हुए जनता अब कल 18 तारीख को ही व्रत रखेगी।