साहित्य अकादमी पुरुस्कार से सम्मानित कुमाँऊनी भाषा के वरिष्ठ साहित्यकार मथुरादत्त मठपाल को उनकी प्रथम पुण्यतिथि पर दी गयी श्रद्धांजलि
- दुदबोली दिवस पर आशुवाक् प्रतियोगिता में श्रुति ने जीता प्रथम स्थान
- प्रथम पुण्यतिथि पर किया गया मथुरादत्त मठपाल को याद
रामनगर । अमर उजियारा संवाददाता
पीएनजी महाविद्यालय में दुदबोली दिवस मनाकर शुरुआत की गई।साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित कुमाउनी के वरिष्ठ साहित्यकार मथुरा दत्त मठपाल की पहली पुण्यतिथि पर दो दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन रामनगर महाविद्यालय द्वारा उनको श्रद्धांजलि देते हुए उनके साहित्य के साथ याद किया। उत्तराखंड के इतिहास और संस्कृति के सन्दर्भ में डॉ.जी.सी.पन्त ने स्व.मठपाल जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला।
प्राचार्य प्रो.एम.सी.पाण्डे सहित विभिन्न साहित्य अनुरागियों कमलेश उपाध्याय, भुवन चन्द्र पपनै,नवीन तिवारी, पूरन चन्द्र पाण्डे,गणेश रावत,आनंद सिंह कड़ाकोटी,नवेन्दु मठपाल आदि ने दुदबोली के प्रचार प्रसार, संरक्षण एवं संवर्धन के सम्बंध में विचार व्यक्त किए।
डॉ.जी.सी.पन्त के निर्देशन में हिन्दी विभाग द्वारा दुदबोली दिवस की शुरुआत करते हुए आशुवाक् प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। जिसमें विद्यार्थियों ने कुमाऊंनी, गढ़वाली, पंजाबी व हिन्दी में अपनी प्रस्तुति दी।
श्रुति ने प्राप्त किया प्रथम स्थान
प्रतियोगिता में श्रुति ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।दूसरे स्थान पर महेंद्र आर्य तथा तीसरे स्थान पर प्रेम सिंह बोरा रहे। सांत्वना पुरस्कार वंशिता रस्तौगी को प्रदान किया गया। डॉ.प्रीति त्रिवेदी ने अवधि भाषा में कविता पाठ कर सभी का आभार व्यक्त किया।कार्यक्रम में डॉ.सुमन कुमार,डॉ.डी.एन.जोशी,डॉ.अभिलाषा कनौजिया, डॉ.दुर्गा तिवारी, डॉ.प्रकाश सिंह बिष्ट सहित अनेक विद्यार्थी एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।