मूलांक 4 की लड़कियां: महत्वाकांक्षा, साहस और तेज़ स्वभाव के कारण खास, पर समय पर उपाय न हों तो बढ़ सकती हैं चुनौतियाँ

देहरादून (ज्योतिष एवं संस्कृति डेस्क, अमर उजियारा)। उत्तराखंड ज्योतिष रत्न आचार्य डॉ. चंडी प्रसाद घिल्डियाल ‘दैवज्ञ’ का कहना है कि अंकज्योतिष में नौ मूलांकों का अपना विशिष्ट महत्व है और हर मूलांक के व्यक्तियों में अलग-अलग गुण-दोष देखने को मिलते हैं। इसी क्रम में उन्होंने मूलांक 4 वाली लड़कियों के स्वभाव, गुण, कमजोरियों और जीवन पर इसके प्रभावों पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।

डॉ. दैवज्ञ के अनुसार जिन लड़कियों का जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22 या 31 तारीख को होता है उनका मूलांक 4 माना जाता है। अंकज्योतिष में यह अंक राहु ग्रह से संबंध रखता है। यदि किसी की कुंडली में राहु मजबूत स्थिति में हो तो ऐसे व्यक्ति करियर में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त करते हैं, साथ ही ये तेज बुद्धि और धर्म-कर्म में रुचि रखने वाले होते हैं। यही विशेषताएँ मूलांक 4 की लड़कियों में भी परिलक्षित होती हैं।

ये लड़कियां कठिन परिस्थितियों में भी धैर्य नहीं खोतीं और हर बाधा का समाधान खोज ही लेती हैं।


मूलांक 4 की लड़कियों के प्रमुख गुण

आचार्य दैवज्ञ बताते हैं कि मूलांक 4 की लड़कियां एक ओर जिद्दी स्वभाव की होती हैं, लेकिन यही जिद्द उनके करियर को मजबूती देती है।

  • ये अत्यंत महत्वाकांक्षी होती हैं और अपने लक्ष्य को पूरा करने तक रुकती नहीं हैं।
  • पूरी तरह आत्मनिर्भर और स्वतंत्र सोच वाली होती हैं।
  • कम उम्र में ही अपने पैरों पर खड़ी हो जाती हैं और आर्थिक रूप से मजबूत बन जाती हैं।
  • दूसरों की मदद करने में हमेशा आगे रहती हैं।
  • परिवार इनके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है और शादी के बाद भी ये अपने परिजनों का साथ नहीं छोड़तीं।
  • ये साहसी, निडर और जोखिम उठाने वाली प्रवृत्ति की होती हैं।
  • रिश्तों में बहुत वफादार तथा ईमानदार रहती हैं।
  • करियर के लिहाज से ये प्रशासनिक सेवाओं, वित्त, प्रबंधन और व्यवसाय के क्षेत्र में बड़ी सफलता पा सकती हैं।
  • प्रेम संबंधों में ये अत्यंत रोमांटिक और समर्पित होती हैं।

मूलांक 4 की लड़कियों की कमजोरियाँ

आचार्य दैवज्ञ के अनुसार मूलांक 4 की लड़कियों में कुछ ऐसी कमियाँ भी होती हैं, जो समय रहते ज्योतिषीय उपाय न करने पर इनके करियर और प्रेम जीवन को प्रभावित कर सकती हैं—

  • इनमें गुस्सा बहुत तेज हो सकता है और यह अपेक्षाओं के पूरे न होने पर एकदम भड़क उठती हैं।
  • राहु के प्रभाव के कारण इनमें उलझन, तनाव और भटकाव की स्थिति बनी रहती है।
  • कभी-कभी इनका अहंकार भी संबंधों में दूरियाँ पैदा कर सकता है।
  • इन समस्याओं से बचाव के लिए इनके लिए वैदिक और वैज्ञानिक विधि से निर्मित राहु यंत्र अत्यंत लाभकारी बताया गया है।