सहकारिता मंत्री ने दिए सख्त निर्देश, हर शाखा में 5,000 नए खाते और 30 करोड़ की जमा राशि का लक्ष्य

देहरादून। देहरादून स्थित प्रादेशिक कोऑपरेटिव यूनियन के यूसीएफ भवन में सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने राज्य सहकारी बैंक और लीड बैंक के अधिकारियों, प्रबंध निदेशकों, महाप्रबंधकों एवं शाखा प्रबंधकों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान बैंक की उपलब्धियों, चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई।

शाखा स्तर पर तय किए गए लक्ष्य

मंत्री ने सभी शाखाओं को निर्देश दिए कि प्रत्येक शाखा में कम से कम 5,000 नए खाते खोले जाएं और 30 करोड़ रुपये की जमा राशि जुटाई जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि जो प्रबंधक लक्ष्य पूरे करने में विफल रहेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

1 अक्टूबर से ऑनलाइन सदस्यता अभियान

बैठक में यह भी तय हुआ कि 1 अक्टूबर से एक बड़ा ऑनलाइन सदस्यता अभियान शुरू होगा। इसके तहत 1 लाख नए सदस्य जोड़े जाएंगे, जिससे सहकारिता आंदोलन को और मजबूती मिलेगी।

सामाजिक जिम्मेदारी पर जोर

डॉ. रावत ने कहा कि सहकारी बैंक केवल वित्तीय संस्था न रहकर सामाजिक क्षेत्र में भी योगदान दे। उन्होंने स्कूल निर्माण, अस्पतालों के लिए एंबुलेंस जैसी योजनाओं में सहयोग देने की अपील की।

बेहतर प्रदर्शन करने वाली शाखाओं की सराहना

बैठक में उत्तरकाशी शाखा की विशेष प्रशंसा हुई, जिसने 100% एनपीए वसूली की और लाभ अर्जित किया। काशीपुर शाखा के अच्छे प्रदर्शन की भी सराहना की गई।

घाटे में चल रही शाखाओं पर नाराजगी

मंत्री ने हरिद्वार, गोपेश्वर, खटीमा और बाजपुर शाखाओं के घाटे पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इन्हें हर हाल में लाभ में लाने की ठोस कार्ययोजना बनाई जाए। उन्होंने बताया कि राज्य में कुल 15 शाखाओं में से 11 लाभ में हैं। अगली समीक्षा बैठक श्रीनगर में आयोजित होगी।

खर्च और एनपीए नियंत्रण पर फोकस

राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक प्रदीप मेहरोत्रा ने शाखाओं को खर्चों पर नियंत्रण, सुरक्षित ऋण वितरण और एनपीए की वसूली के लिए रणनीति बनाने के निर्देश दिए।

नई शाखाओं पर निर्णय

डॉ. रावत ने उन शाखाओं के स्थानांतरण के लिए कमेटी बनाने के निर्देश दिए, जो अनुपयुक्त स्थानों पर चल रही हैं। यह कमेटी नए स्थानों का चयन करेगी और रिपोर्ट सौंपेगी।

सहकारिता को सशक्त बनाने का संकल्प

मंत्री ने कहा कि सहकारिता आंदोलन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सभी स्तरों पर ईमानदारी और मेहनत की जरूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि देहरादून स्थित कॉर्पोरेट शाखा का नाम बदला जाएगा, क्योंकि यह वर्तमान में अपने नाम के अनुरूप कार्य नहीं कर रही है।

बैठक में जिला सहकारी बैंक टेहरी एवं हरिद्वार के पूर्व अध्यक्ष, अपर निबंधक, बैंक के एमडी, जीएम, नाबार्ड के अधिकारी तथा सभी जिलों के शाखा प्रबंधक उपस्थित रहे।