नैनीताल में मां नंदा-सुनंदा महोत्सव की शुरुआत, नैना देवी मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खुले

नैनीताल, 31 अगस्त। कुमाऊं की कुलदेवी मां नंदा-सुनंदा की प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही नैनीताल में वार्षिक नंदा-सुनंदा महोत्सव का शुभारंभ हो गया है। धार्मिक परंपरा के अनुसार, नंदा अष्टमी पर मां अपने मायके यानी धरती पर पधारती हैं और पांच सितंबर (एकादशी) को अपनी ससुराल लौट जाती हैं।

भोर में हुई प्राण प्रतिष्ठा

तड़के 2 बजे पुजारी भगवती प्रसाद जोशी ने विशेष मंत्रोच्चार और पूजा-अर्चना के साथ मां की प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा की। करीब साढ़े पांच बजे तक चले अनुष्ठान के बाद मंदिर के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए गए। सुबह से ही नैना देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है।

विशेष परंपरा और मान्यता

कुमाऊं में मां नंदा-सुनंदा को कुलदेवी माना जाता है। उनकी मूर्तियां केले के पेड़, रुई, कपड़े और बांस से बनाई जाती हैं। ऐतिहासिक चंद राजवंश के समय से यह परंपरा चली आ रही है। मान्यता है कि मां साल में एक बार अष्टमी को मायके आती हैं और फिर मूर्तियों के विसर्जन के साथ बेटी की ससुराल विदाई की रस्म पूरी होती है।


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क्रमश…

चार दिन चलेगा महोत्सव

अगले चार दिनों तक भक्त मां की आराधना और विशेष पूजन-अर्चना करेंगे। 5 सितंबर को मां की प्रतिमाओं का नैनी झील में विसर्जन किया जाएगा। इस दौरान डोले को मंदिर परिसर में रखा जाएगा, जहां भक्त दर्शन कर मनोकामनाएं मांगेंगे।

शहर भक्तिमय माहौल में डूबा

श्रीराम सेवक सभा के मीडिया प्रभारी ललित तिवारी ने बताया कि पूरा नैनीताल मां की भक्ति में सराबोर है। भक्त लंबी कतारों में दर्शन कर रहे हैं। शाम को पंच आरती के बाद प्रसाद वितरण किया जाएगा।