अधिकारी बनने पर डॉक्टर घिल्डियाल ने लिया स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार का आशीर्वाद

देहरादून । अमर उजियारा संवाददाता

हाल ही में उत्तराखंड शासन द्वारा शिक्षा विभाग में अधिकारी बनाए जाने के बाद डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल अपने ससुराल पक्ष में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ताम्रपत्र धारक परिवार का आशीर्वाद लेने मियां वाला पहुंचे।

इस अवसर पर डॉ घिल्डियाल का विशेष पुष्पगुच्छ देकर स्वागत करते हुए टू व्हीलर बजाज कंपनी के सेवानिवृत्त जनरल मैनेजर एवं बहुचर्चित उत्तराखंड का इतिहास पुस्तक के लेखक ओमप्रकाश खंडूरी एवं उनकी धर्मपत्नी श्रीमती उमा खंडूरी ने कहा की स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का इतिहास छात्र छात्राओं को अवश्य पढ़ाया जाना चाहिए जिससे उन्हें देश की आजादी की कीमत का पता चल सके और वे देश की आजादी एवं एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हो सके उन्होंने कहा कि डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल के साथ जब से उनके छोटे भाई स्वर्गीय शिवप्रसाद खंडूरी की पुत्री का वर्ष 2008 में विवाह हुआ तब से हमारा परिवार स्वयं को गौरवान्वित महसूस करता है उनके द्वारा ज्ञान विज्ञान एवं संस्कार युक्त बातचीत किए जाने से पूरा परिवार आनंदित और प्रफुल्लित हो जाता है।

इस अवसर पर संस्कृत शिक्षा अधिकारी डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने कहा कि हमारी संस्कृति बड़ों का आशीर्वाद लेकर कोई भी कार्य प्रारंभ करने की है ,इसलिए उन्होंने कार्यभार ग्रहण करते ही ताई जी और ताऊ जी के चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद लेने का कार्यक्रम बनाया और वह पूरा प्रयास करेंगे कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के इतिहास को पाठ्यक्रम से जोड़ने का उपक्रम किया जाए।

स्मरणीय है कि श्री ओम प्रकाश खंडूरी चमोली जनपद के डिमर गांव से उत्तर प्रदेश में बद्री केदार विधानसभा क्षेत्र का दो बार प्रतिनिधित्व करने वाले गढ़वाल की महान विभूति स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय योगेश्वर प्रसाद खंडूरी के तीन पुत्रों में सबसे बड़े हैं वे बजाज कंपनी के जनरल मैनेजर रहे और उन्होंने कई पुस्तकें लिखी है और वर्तमान में मियां वाला देहरादून में पी पीसीएल कॉलोनी में उनका निवास है
कार्यक्रम प्रभारी खेम सिंह के अनुसार
इस अवसर पर डॉ घिल्डियाल के साथ उनकी धर्मपत्नी श्रीमती आरती पुत्र समर्थ एवं पुत्री अस्मिता घिल्डियाल भी रहे नानी और नाना को अपने बीच पाकर बच्चे बहुत खुश हुए और उन्होंने नानी द्वारा तैयार किए गए सांभर इडली ,डोसा का आनंद लिया

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