काल भैरव अष्टमी आज, मार्गशीर्ष मास सूर्य सक्रांति का पर्व कल अर्थात 17 नवंबर को

देहरादून । अमर उजियारा ज्योतिष एवम संस्कृति डेस्क । उत्तराखंड ज्योतिष रत्न चंडी प्रसाद घिल्डियाल की कलम

16 नवंबर 2022 बुधवार के दिन पर आज भगवान काल भैरव जयंती है मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को भगवान शिव के अंश से काल भैरव का प्रादुर्भाव हुआ था।

उत्तराखंड ज्योतिष रत्न आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल बताते हैं कि काल भैरव की पूजा करने से सभी प्रकार के कष्ट, दोष और रोग दूर होते हैं। आज वृश्चि​क संक्रांति – शाम सूर्य देव वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे। वृश्चिक संक्रांति स्पर्श का क्षण शाम 07 बजकर 29 मिनट पर है, जबकि पूर्ण रूप से सूर्य संक्रांति का पर्व कल सुबह रहेगा।

सौर विज्ञानी डॉ चंडी प्रसाद बताते हैं कि बुधवार को अगहन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पूरे दिन रहेगी। इस दिन कालभैरव अष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। आज बुधवार का दिन विघ्नहर्ता श्री गणेश जी का पूजा के लिए भी बहुत शुभ माना जाता है।

इस दिन आश्लेषा नक्षत्र शाम 6:57 तक रहेगा। इसके बाद मघा नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। बुधवार को पहले आश्लेषा नक्षत्र होने से राक्षस नाम का अशुभ योग और इसके बाद मघा नक्षत्र होने से चर नाम का शुभ योग इस दिन बन रहा है। इनके अलावा ब्रह्म और इंद्र नाम के 2 अन्य योग भी बनेंगे। इस दिन राहुकाल दोपहर 12:14 से से 1:30 तक तक रहेगा।

आज मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है। इस तिथि को हर साल काल भैरव जयंती मनाई जाती है। भगवान शिव के अंश काल भैरव की उत्पत्ति रुद्रावतार के रूप में हुई। शिव जी का अपमान करने पर काल भैरव प्रकट हुए थे और और ब्रह्म देव का एक सिर काट दिया था। काल भैरव इतने भयंकर और उग्र स्वरूप वाले हैं कि उनसे तो स्वयं काल भी भयभीत रहता है। आज के दिन काल भैरव की ब्रह्म कालीन बेला में पूजा करने से सभी प्रकार के कष्ट, दोष और रोग दूर होते हैं। उनकी कृपा से अकाल मृत्यु का योग कट जाता है। आज काल भैरव के मंत्रों का जाप करने से सिद्धि प्राप्त होती है क्योंकि काल भैरव तंत्र और मंत्र के अधिष्ठाता देवता हैं।

आचार्य का परिचय

नाम-आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल

पब्लिक सर्विस कमीशन उत्तराखंड से चयनित प्रवक्ता वर्तमान में सहायक निदेशक शिक्षा विभाग उत्तराखंड सरकार 

निवास स्थान- 56 / 1 धर्मपुर देहरादून, उत्तराखंड। 

मोबाइल नंबर-9411153845

उपलब्धियां 

वर्ष 2015 में शिक्षा विभाग में प्रथम गवर्नर अवार्ड से सम्मानित वर्ष 2016 में लगातार सटीक भविष्यवाणियां करने पर उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंड ज्योतिष रत्न सम्मान से सम्मानित किया वर्ष 2017 में त्रिवेंद्र सरकार ने दिया ज्योतिष विभूषण सम्मान। वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा की सबसे पहले भविष्यवाणी की थी। इसलिए 2015 से 2018 तक लगातार एक्सीलेंस अवार्ड प्राप्त हुआ शिक्षा एवं ज्योतिष क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्यों के लिए 5 सितंबर 2020 को प्रथम वर्चुअल टीचर्स राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त किया। मंत्रों की ध्वनि को यंत्रों में परिवर्तित कर लोगों की समस्त समस्याओं का हल करने की वजह से वर्ष 2019 में अमर उजाला की ओर से आयोजित ज्योतिष महासम्मेलन में ग्राफिक एरा में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिया ज्योतिष वैज्ञानिक सम्मान।

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