संस्कृत शिक्षा के प्रति लगातार गंभीर कदम उठा रही सरकार, इसी के चलते डॉ सीपी घिल्डियाल को मिला दो जनपदों का अतरिक्त प्रभार
- डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल को राज्य के 2 जनपदों का विशेष अतिरिक्त प्रभार
- चमोली और रुद्रप्रयाग जनपद में हर्ष की लहर
देहरादून । उत्तराखंड सरकार राज्य की शिक्षा व्यवस्था और उसने भी विशेष रूप से संस्कृत शिक्षा के प्रति लगातार गंभीर कदम उठा रही है।
इस श्रंखला में हाल ही में विद्यालय शिक्षा में प्रवक्ता से प्रशासनिक संवर्ग में सेवा स्थानांतरण देकर सहायक निदेशक बनाए गए डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल को चमोली और रुद्रप्रयाग जनपद का अतिरिक्त विशेष प्रभार सौंप दिया गया है, सचिव चंद्रेश यादव ने आज इसके विधिवत आदेश जारी कर दिए हैं।
जारी किए गए आदेश में संस्कृत शिक्षा सचिव ने तीन अधिकारियों को जनपदों का आवंटन किया है जिसमें पद्माकर मिश्रा को टिहरी और उत्तरकाशी, वाजस्रव आर्य को पिथौरागढ़ और चंपावत जबकि डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल को रुद्रप्रयाग और चमोली जनपद की विशेष जिम्मेदारी दी गई है अपने आदेश में सचिव ने इन जिम्मेदारियों को शासकीय हित में बताया है तात्पर्य साफ है कि सरकार कर्मठ और ईमानदार अधिकारियों को लगातार प्रोत्साहित कर सुशासन का सूत्रधार बना रही है।
इधर डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल को कार्यभार ग्रहण करने के 1 सप्ताह के अंदर ही 2 जनपदों की अतिरिक्त विशेष जिम्मेदारी मिलने पर चमोली और रुद्रप्रयाग जनपद के शिक्षाविदों एवं संस्कृत के विद्वानों में हर्ष की लहर दौड़ गई, संस्कृत महाविद्यालय रुद्रप्रयाग के सेवानिवृत्त प्राचार्य एवं संस्कृत अकादमी के पूर्व सचिव राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित आचार्य डॉक्टर सुरेश चरण बहुगुणा, कालिदास स्मारक समिति के अध्यक्ष आचार्य सुरेशानंद गॉड उत्तराखंड के इतिहास पर कई पुस्तकों के लेखक ओमप्रकाश खंडूरी सहित अनेक विद्वानों ने डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल को बड़ी जिम्मेदारी के लिए हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए अपेक्षा की है कि उनके मार्गदर्शन में रुद्रप्रयाग और चमोली जनपद के विद्यालयों का चौमुखी विकास होगा।
स्मरणीय है कि सरकार ने बद्रीनाथ जोशीमठ में वेद वेदांग संस्कृत महाविद्यालय का कार्य प्रारंभ किया हुआ है अब उस विद्यालय को पूर्ण प्रतिष्ठित करने कि सरकार की मंशा को भी अमलीजामा पहनाया जाना है।