सहायक निदेशक ने संस्कृत विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में भी आवश्यक की बायोमेट्रिक मशीन

  • सहायक निदेशक ने संस्कृत विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में भी आवश्यक की बायोमेट्रिक मशीन
  • प्रीतम रोड पर शिव नाथ संस्कृत महाविद्यालय में किया पहली बायोमेट्रिक मशीन का उद्घाटन

विद्यालयों में अध्ययन और अध्यापन अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है, परंतु उससे भी ऊपर है समय का पालन यदि विद्यालय में शिक्षकों द्वारा समय का पालन नहीं किया जाता है तो उसका पूर्ण कुप्रभाव बच्चों की पढ़ाई पर पड़ता है।

उपरोक्त विचार सहायक निदेशक डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने व्यक्त किए वह आज प्रीतम रोड पर शिव नाथ संस्कृत महाविद्यालय में शिक्षकों एवं कर्मचारियों के लिए नियमित हाजिरी हेतु लगाई जा रही बायोमेट्रिक मशीन के उद्घाटन समारोह एवं संस्कृत सप्ताह कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे।

डॉ घिल्डियाल ने कहा कि विद्यालयों में पठन-पाठन के लिए जो समय विभाजन चक्र बनाया जाता है वह अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि उसका असर विद्यार्थियों के संपूर्ण जीवन पर दिखाई देता है और उस समय विभाजन चक्र की शुरुआत प्रातकाल प्रार्थना सभा से होती है। इसलिए उसमें सभी शिक्षकों और कर्मचारियों का उपस्थित होना नितांत आवश्यक है इसके लिए ही शासन के निर्देश पर अन्य विभागों के साथ संस्कृत विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के लिए भी दैनिक उपस्थिति के लिए बायोमेट्रिक मशीन लगाना परम आवश्यक कर दिया गया है।

उन्होंने श्री शिवनाथ संस्कृत महाविद्यालय प्रबंधन एवं प्राचार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि देहरादून जनपद में सबसे पहले शासन के आदेश का पालन करते हुए बायोमेट्रिक मशीन मंगवा कर उसे लगवाने का जो कार्य विद्यालय द्वारा किया जा रहा है वह अत्यंत प्रशंसनीय है और यह कार्य विद्यालय की सरकारी तंत्र के प्रति निष्ठा को प्रदर्शित करता है, शिक्षा अधिकारी ने अपेक्षा की कि सभी शिक्षक और कर्मचारी समय पर आकर बायोमेट्रिक मशीन में आते समय और फिर समय पर जाते समय उपस्थिति दर्ज करेंगे जिसका संज्ञान विभाग द्वारा समय-समय पर लिया जाएगा।

इस अवसर पर उन्होंने विद्यालय परिसर में उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय हरा वाला की मदद से कुछ औषधीय वृक्षों का रोपण भी किया और 8 अगस्त से 14 अगस्त तक चलने वाले संस्कृत सप्ताह कार्यक्रम में भी मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेकर बच्चों की प्रस्तुति को ध्यान से सुना और प्रबंधन द्वारा उन्हें पुरस्कार भी दिलाएं।

मौके पर उपस्थित उत्तराखंड के प्रसिद्ध कथा वाचक आचार्य सुभाष जोशी और विद्यालय के वरिष्ठ ट्रस्टी सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य मनोहर सिंह रावत ने प्राचार्य और शिक्षकों कर्मचारियों के साथ मुख्य अतिथि सहायक निदेशक डॉ चंडी प्रसाद घिल्डियाल का स्वागत और अभिनंदन करते हुए उनके द्वारा संस्कृत विद्यालयों और महाविद्यालयों के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें स्वर्णिम कार्यकाल हेतु शुभकामनाएं दी।

मौके पर विद्यालय के प्राचार्य राम प्रसाद थपलियाल, पूर्व प्राचार्य डॉ सूर्य मोहन भट्ट, गढ़वाल विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर शैलेंद्र सिंह बिष्ट, आयुर्वेद विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ वेद प्रकाश गुप्ता ,शिक्षक आसाराम मैथानी, एसपी खंडूरी, चंद्र मोहन मैथानी सहित सभी शिक्षक कर्मचारी और छात्र छात्राएं उपस्थित थे।

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