जिला अस्पताल अल्मोड़ा में डॉ अंकुर गुप्ता ने शुरू करी कान के जटिल आपरेशन की प्रकृया

अल्मोड़ा । कुमाऊं एवं गढ़वाल क्षेत्रों के पहाड़ी जिलों में सर्वप्रथम अल्मोड़ा जिले के जिला अस्पताल में पटना व भोपाल एम्स में रहे ईएनटी सर्जन डॉ. अंकुर गुप्ता ने कान की गंभीर बीमारी के जटिल ऑपरेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिससे अब अल्मोड़ा, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों के मरीजों को जटिल ऑपरेशन के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। डॉ. अंकुर गुप्ता द्वारा अभी तक कान के पांच ऑपरेशन किए जा चुके हैं। जिससे मरीजों को जिला अस्पताल में आसान सुविधा मिल रही है।

कुमाऊं का पहला जिला अस्पताल अल्मोड़ा में है। कुमाऊं और गढ़वाल के जिलों में आज के समय में कान के जटिल ऑपरेशन कहीं नहीं किया जाता। डॉ. अंकुर गुप्ता ने बताया कि उनके द्वारा अल्मोड़ा के जिला अस्पताल में कान के गंभीर बीमारी के मरीजों के जटिल ऑपरेशन शुरू कर दिए गए है।

कान, नाक एवं गला रोग विशेषज्ञ डॉ अंकुर गुप्ता ने कान की गंभीर बीमारी के ऑपरेशन की शुरुआत सर्वप्रथम विगत 12 अप्रैल 2022 को अल्मोड़ा निवासी 40 वर्षीय श्रीमती नीमा डसीला के कान का सफलतापूर्वक ऑपरेशन करके की जो कि काफी लंबे समय से कान में दर्द एवं मवाद आने की समस्या से परेशान थी।
तत्पश्चात इसी कड़ी में दूसरा जटिल ऑपरेशन विगत 3 मई 2022 को जागेश्वर निवासी 48 वर्षीय श्रीमती दुर्गा देवी का जो कि कान की हड्डी गलने की बीमारी से ग्रसित थी का भी सफलतापूर्वक ऑपरेशन जिला अस्पताल अल्मोड़ा में किया गया।

डॉ. अंकुर गुप्ता ने बताया कि कान में दो तरह की बीमारियां हो सकती हैं एक जटिल और एक साधारण। जटिल बीमारी में मरीज के कान की हड्डी गलना, तेज दर्द आदि। जिससे मरीज का जटिल ऑपरेशन किया जाता है।

कान की साधारण बीमारी में पर्दे में छेद होना, कान बहना आदि इसके लिए साधारण ऑपरेशन किया जाता है।इसके पूर्व कान की हड्डी गलने की गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीजों को ना केवल महानगरों की दौड़ लगानी पड़ती थी बल्कि कम से कम 50 से ₹60000 तक का खर्चा भी उठाना पड़ता था, तो अब यह सुविधा सर्वप्रथम जिला अस्पताल अल्मोड़ा में उपलब्ध हो जाने से ना केवल पहाड़ के मरीजों को ऑपरेशन की सुविधा निशुल्क उपलब्ध हो पा रही है बल्कि अब उन्हें महानगरों की दौड़ लगाने की असुविधा का सामना भी नहीं करना पड़ेगा।

डॉ.अंकुर गुप्ता ने बताया कि उन्होंने ऑपरेशन हेतु मशीनों को स्वयं उपलब्ध कराया है। जिसमें उन्होंने माइक्रोस्कोप, एंडोस्कोप, माइक्रोमोटर आदि लिया। डॉ. गुप्ता ने इन मशीनों में 7 से 8 लाख खर्च कर सारा सामान स्वयं खरीदा है जिससे यहां वह ऑपरेशन शुरू कर सकें। डॉ. गुप्ता का कहना है कि वह एक सर्जन हैं और उन्होंने नवंबर से लेकर फरवरी माह तक इंतजार किया तत्पश्चात अब उन्होंने स्वयं अपनी उपलब्ध मशीनों से कान के 5 ऑपरेशन कर दिए हैं जिसमें 2 जटिल और 3 साधारण ऑपरेशन हैं। डॉ.अंकुर गुप्ता ने बताया कि उनके द्वारा मार्च में 3 साधारण ऑपरेशन किए जा चुके हैं और अप्रैल माह में 2 जटिल ऑपरेशन सफलता पूर्वक कर दिए गए हैं। अब तीसरा ऑपरेशन अगले सप्ताह किया जाएगा।

डॉ. अंकुर गुप्ता द्वारा जिन मरीजों का अभी तक इलाज किया गया उन मरीजों को आज सीएमएस व मीडिया के समक्ष प्रस्तुत किया गया। सभी मरीज उनके द्वारा किए गए इलाज से संतुष्ट दिखे उन्होंने यही बात सीएमएस को बतलाई।उनमें से एक मरीज अस्पताल प्रबंधन की कार्यप्रणाली से संतुष्ट नहीं था। क्योंकि उस मरीज को समय रहते आयुष्मान योजना के तहत दवाइयां और डेली डाइट में अंडा उपलब्ध नहीं कराया गया था। जब मरीज ने इस सम्बंध में डीएम से शिकायत करने की बात कही तथा उसी समय मरीज ने सामाजिक कार्यकर्ता संजय पांडे से भी फोन में इस संबंध में वार्ता करी जिसके पश्चात संजय पांडे ने उक्त मरीज की परेशानी फोन के माध्यम से जिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को बतलाई जिसके बाद मरीज को आज सुबह से डेली डाइट उपलब्ध कराई गई।

सामाजिक कार्यकर्ता संजय पांडे ने ऐसी अनियमिताओं से मरीजो को हो रही परेशानियों पर अस्पताल प्रबंधन से गंभीरतापूर्वक विचार करने का अनुरोध किया

ऐसी शिकायतें जिला अस्पताल में पहले भी कई बार आयी है। सामाजिक कार्यकर्ता संजय पांण्डे ने अस्पताल प्रबंधन से इस मामले पर गम्भीरतापूर्वक विचार करने का अनुरोध किया है, प्रतिदिन सरकारी अस्पताल में दूर दराज से लोग अपना इलाज करवाने के लिये आते है। साथ ही अस्पताल प्रबंधन से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि मरीजों को कोई परेशानी न हो इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए।सामाजिक कार्यकर्ता संजय पांण्डे ने कहा कि बिशेषज्ञ चिकित्सकों का मनोबल बढाया जाना चाहिये। जबकि आपसी प्रतिद्वन्दिता के कारण कुछ लोग डॉक्टरों को हतोत्साहित भी करते है। अच्छा कार्य करने वाले डॉक्टरों का उत्साहवर्धन होना चाहिए।

चिकित्सालय में कान के रोगो से प्रभावित रोगियो ने मीडिया से कहा कि डा अंकुर गुप्ता ने उन्हे राहत दी है।

डॉ अंकुर गुप्ता ने बताया कि वह अगले महीने से कान की सर्जरी के साथ-साथ नाक की सर्जरी भी शुरू करेंगे। जिससे मरीजों को नाक की सर्जरी के लिए बाहर का रुख नहीं करना पड़ेगा

डॉ. गुप्ता ने बताया कि हॉस्पिटल में बेहोश करने की कोई भी मशीन की सुविधा उपलब्ध नहीं है जिसके कारण गले का जटिल ऑपरेशन जिला अस्पताल में अभी नहीं किया जा सकता है। क्योंकि गले के ऑपरेशन के लिए मरीज को बेहोश करना पड़ता है। जिसके लिए बॉयलमशीन प्रयोग की जाती है। जिसके लिए मरीज को रेफर कर दिया जाता है। इसीलिए डॉ. अंकुर गुप्ता द्वारा अभी कान और नाक का ही ऑपरेशन किया जाएगा।

डॉ अंकुर गुप्ता ने बताया कि हॉस्पिटल में उनके निजी उपकरण भी रखे हुए हैं जिनसे वे मरीजो का इलाज कर रहे हैं लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है कि उपकरण जिस अलमारी में रखें हैं वह अलमारी भी अच्छी नहीं है, ठीक तरह से उसे बंद भी नहीं किया जा सकता। जिससे डॉ. गुप्ता को डर बना रहता है कि कहीं वह गिर कर टूट ना जाएं या किसी के द्वारा चुरा ना लिए जाएं। डॉ. गुप्ता द्वारा हॉस्पिटल प्रशासन को नई अलमारी के लिए बताया गया है परंतु अभी तक उन्हें नई अलमारी नहीं दी गई है।

जिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. कुसुमलता का कहना है कि-

अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं काफी बढ़ी हैं। जिला अस्पताल में पहले से ईएनटी के ऑपरेशन नहीं किए जाते थे। अब डॉ. अंकुर गुप्ता द्वारा ईएनटी ऑपरेशन किए जा रहे हैं। साथ में आयुष्मान और बीपीएल कार्ड धारकों के लिए जितनी सुविधाएं उपलब्ध हैं वे सभी सुविधाएं मरीजों को मिल रही है।

गोल्डन कार्ड धारकों की सुविधाओं के लिए अभी कोई भी जानकारी अस्पताल प्रशासन के पास उपलब्ध नहीं है। बिगत वर्षो से सरकार ने प्रदेश भर मे सेवारत कर्मचारियों के लिये गोल्डन कार्ड की सुविधा दे रखी है। अल्मोड़ा जनपद मे कोई भी चिकित्सालय गोल्डन कार्ड की सुविधा से आच्छादित नही है । जबकि उनके बेतन से मासिक कटौती हो रही है । सेवा निवृत कर्मचारियों ने भी सरकार से नीति स्पष्ठ करने की मांग की है ।

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