पंडित हरगोविंद पंत जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं लचर होने से मरीज हो रहे बेहाल : संजय पांडे
अल्मोड़ा । अमर उजियारा संवाददाता
इन दिनों जिले की स्वास्थ्य सेवाएं बहुत चरमराई हुई है। पंडित हर गोविंद पंत जिला चिकित्सालय अल्मोड़ा के मरीजों का हाल बुरा है, वही विधुत की नियमित उपलब्धता न होने से चिकित्सालय के मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जहाँ की पर्याप्त कैपेसिटी का जनरेटर उपलब्ध नही है यहां पर 125 kVA का जनरेटर लगा हुआ है जो कि पर्याप्त नही है। यह पर लाइट न होने पर एक्सरे मशीन काम नही करती है जिसकी क्षमता 160 kVA है जिसे वर्तमान जनरेटर से चलाया नही जा सकता हैं। आज इन्ही परेशानियों का सामना अल्मोड़ा जिला चिकित्सालय के मरीजों को करना पड़ा बाद में सामाजिक कार्यकर्ता संजय पांण्डे ने इस समस्या को विधुत विभाग के उच्चाधिकारियों के समक्ष उठाया जिसके फलस्वरूप विधुत व्यवस्था बहाल कर दी गयी।
विधुत विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पुराने कलक्ट्रेट भवन के पास लाइन में खराबी आयी है जिसके बाद लाइन दुरुस्त की गई इसके बाद लोगों के एक्सरे,व दुसरे टैस्ट हुए इस बीच अल्मोड़ा जिला चिकित्सालय की प्रमुख चकित्सा अधीक्षक डॉक्टर कुसुमलता जी को भी घटना की जानकारी दी गयी साथ ही साथ चिकित्सालय परिसर में तम्बाकू व बीड़ी, सिगरेट, व गुटका थूकने पर जुर्माना लगाने का अनुरोध किया।
संजय पांण्डे ने कहा कि चिकित्सालय एक मंदिर है हम सब को मिलकर स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए, सार्वजनिक स्थानों व उसके आसपास के क्षेत्रो को तम्बाकू मुक्त करने की सरकारी पहल का स्वागत करते हुवे सामाजिक कार्यकर्ता संजय पांण्डे ने कहा कि चिकित्सालयों मे भी इस नियम का पालन होना चाहिये।
केवल नारों से काम चलने वाला नही है बल्कि इसे शक्ति से रोकने की जरूरत है।
लोग जिला चिकित्सालय जा कर चैकिंग कर सकते है, साथ ही यह भी कहा कि चिकित्सालय के शौचालय तम्बाकू की पीक से पुते पड़े है जो कानून की धज्जियां उड़ा रहे है। मामले की गम्भीरता को देखते हुए आज उत्तराखंड की स्वास्थ्य निदेशक डॉक्टर शैलजा भट्ट से फ़ोन पर बात कर अल्मोड़ा जिले कि समस्याओ से अवगत करवाया इस पर स्वास्थ्य निदेशक ने बताया की प्रत्येक अस्पताल में हमेशा विधुत आपूर्ति सुनिश्चित हो इसका प्रयास किया जाना चाहिए चिकित्सालय में रोगियों को टैस्ट करवाने में कोई परेशानी नही होनी चाहिए।
संजय पांण्डे ने बताया कि अल्मोड़ा जिले चकित्सालय में बेहोश करने की कोई भी मशीन की सुविधा उपलब्ध नहीं है जिसके कारण गले का जटिल ऑपरेशन जिला अस्पताल में अभी नहीं किया जा सकता है। क्योंकि गले के ऑपरेशन के लिए मरीज को बेहोश करना पड़ता है। जिसके लिए बॉयलमशीन प्रयोग की जाती है। जिसके लिए मरीज को रेफर कर दिया जाता है। सेनेटाइजर मशीन भी खराब है जिससे वार्ड में भर्ती मरीजों को इसका लाभ नही मिल पा रहा है।
डॉक्टर शैलजा ने फोन पर बताया कि नए जनरेटर, व अन्य उपकरणों की खरीद के लिये मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात करेंगी की वो जिलाधिकारी से इस संबंध में बात कर के इस पर त्वरित कार्यवाही करें। इस पर संजय पांण्डे द्वारा चकित्सा निदेशक महोदया का पूरे अल्मोड़ा की जनता की ओर से आभार प्रकट किया गया।