“हों लाख दुःख, पर नीच का एहसान लेना पाप है!”- आचार्य सीपी घिल्डियाल
काव्यकृति । ज्योतिषाचार्य श्री सीपी घिल्डियाल ने कोरोना को मात देने के पश्चात अपने हृदय की भावनाओं को शब्दरूपी मोतियों की तरह काव्य रूपी धागे में पिरोया है और कहते हैं-
हों लाख दुःख, पर नीच का एहसान लेना पाप है!
यह सोचकर गृह दीप ने उजियार को लौटा दिया।
जब मांगी श्री तो श्राप मिला, जो भी मिला सो ठीक है!
श्रम की अगोचर राह पर तम की पुरानी लीग है!
अपने पराये हैं बहुत, मैं हाथ किसका थामता?
दोस्तों के दर्द ही मेरे सबसे अधिक नजदीक हैं!
दया के भेष में जब प्यार दिल के द्वार पर आया।
तब स्वाभिमानी पीर ने उस प्यार को लौटा दिया!
यह सोचकर गृह दीप ने उजियार को लौटा दिया।
मजबूर करता है अहम्, तो गीत लिखती है कलम!
जो भी मिला इस संसार से सब उसे ही लौटा दिया।
बाजार मेरी साधना का, खोलने अब ये वैभव चला!
नीलामियां मेरी कला की, बोलने क्यूं ये वैभव चला?
अमोल गहरे अर्थ को देखा न जग ने आंख भर कभी!
धन की तुला पर शब्द मेरे तोलने क्यूं ये वैभव चला?
जब भावना के स्वर्ण ने मुझसे गर्दन झुकाने को कहा!
तब पद का सम्मान सब, उस पद को ही लौटा दिया।
हों लाख दुःख, पर नीच का एहसान लेना पाप है!
डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल” दैवज्ञ,”
कवि का परिचय
नाम-आचार्य डॉक्टर चंडी प्रसाद घिल्डियाल
पब्लिक सर्विस कमीशन उत्तराखंड से चयनित प्रवक्ता संस्कृत।
निवास स्थान- 56 / 1 धर्मपुर देहरादून, उत्तराखंड।
मोबाइल नंबर-9411153845
उपलब्धियां
वर्ष 2015 में शिक्षा विभाग में प्रथम गवर्नर अवार्ड से सम्मानित वर्ष 2016 में। सटीक भविष्यवाणी पर उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत सरकार ने दी उत्तराखंड ज्योतिष रत्न की मानद उपाधि। त्रिवेंद्र सरकार ने दिया ज्योतिष विभूषण सम्मान। वर्ष 2013 में केदारनाथ आपदा की सबसे पहले भविष्यवाणी की थी। इसलिए 2015 से 2018 तक लगातार एक्सीलेंस अवार्ड प्राप्त हुआ। ज्योतिष में इस वर्ष 5 सितंबर 2020 को प्रथम वर्चुअल टीचर्स राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त किया। वर्ष 2019 में अमर उजाला की ओर से आयोजित ज्योतिष महासम्मेलन में ग्राफिक एरा में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिया ज्योतिष वैज्ञानिक सम्मान।