“डिजिटल अरेस्ट” का जाल: रिटायर्ड कुलपति से 1.47 करोड़ हड़पने वाले दो ठग गिरफ्तार
नई दिल्ली/रुड़की, 7 सितंबर। एसटीएफ की साइबर क्राइम टीम ने दिल्ली के करोलबाग से लखनऊ निवासी मोहम्मद सैफ (24) और झारखंड निवासी शकील अंसारी (23) को गिरफ्तार किया।
आरोपियों ने खुद को साइबर क्राइम अधिकारी बताकर रूहेलखंड विश्वविद्यालय की सेवानिवृत्त कुलपति को “डिजिटल अरेस्ट” के नाम पर डरा-धमकाकर 1.47 करोड़ रुपये ऐंठ लिए।
गिरोह का तीसरा सदस्य पहले ही हिमाचल से पकड़ा जा चुका है।
ठगी का तरीका
- ठगों ने कहा कि पीड़िता का नाम 60 करोड़ रुपये की मनी लांड्रिंग में आया है।
- व्हाट्सएप कॉल पर लगातार निगरानी रखते हुए उन्हें समझाया गया कि वे “डिजिटल अरेस्ट” में हैं और फोन से दूर नहीं जा सकतीं।
- इसी डर में उन्होंने अलग-अलग खातों में करोड़ों रुपये ट्रांसफर कर दिए।
गिरफ्तारी में बरामदगी
- छापे में 9 मोबाइल, 14 सिम, 3 चेकबुक, 7 चेक, 4 डेबिट कार्ड, पासपोर्ट और नकली मुहर बरामद हुई।
- जांच में पता चला कि रकम तुरंत दूसरे खातों में घुमा दी जाती थी।
जाल का विस्तार
यह साइबर गैंग उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तराखंड समेत 7 राज्यों में सक्रिय था।
एजेंसियां अब नेटवर्क की गहराई से पड़ताल कर रही हैं।
“डिजिटल अरेस्ट” क्या है?
एक नई साइबर ठगी, जिसमें अपराधी खुद को सरकारी अफसर बताकर पीड़ित को किसी मामले में फंसाने की धमकी देते हैं। फिर व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर नजर रखते हुए डर का माहौल बनाते हैं और भारी रकम हड़प लेते हैं।

