अब मेडिकल कॉलेजों के सामाजिक कार्यकर्ता कहलाएंगे ‘मेडिकल सोशल वेल्फेयर ऑफिसर’
अल्मोड़ा। उत्तराखंड सरकार ने मेडिकल कॉलेजों में काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं का पदनाम बदल दिया है। अब इन्हें ‘मेडिकल सोशल वेल्फेयर ऑफिसर’ कहा जाएगा। यह बदलाव केंद्र सरकार और एम्स की तर्ज पर किया गया है। इसका आदेश चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव आर. राजेश कुमार ने जारी किया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार स्वास्थ्य केवल बीमारी न होना नहीं है, बल्कि शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ रहना है। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य के चिकित्सा शिक्षा विभाग में मरीजों की सामाजिक स्थिति और कल्याण पर काम करने के लिए 52 पद बनाए गए हैं। इनमें से अल्मोड़ा के सोबन सिंह जीना राजकीय आयुर्विज्ञान एवं शोध संस्थान में 10 पद सृजित हैं।
मेडिकल सोशल वेल्फेयर ऑफिसर की जिम्मेदारियां
- मरीज और परिवार को बीमारी से जुड़े भावनात्मक, आर्थिक और सामाजिक पहलुओं से निपटने में मदद करना।
- इलाज की योजना समझाना और उपलब्ध संसाधनों की जानकारी देना।
- मरीज, परिवार और डॉक्टरों के बीच बेहतर संवाद सुनिश्चित करना।
- डिस्चार्ज की तैयारी और अन्य ज़रूरतों में सहयोग करना।
- शिक्षा, सूचना और मार्गदर्शन देना।
पदनाम बदलने से संवर्ग में खुशी का माहौल है। इस मौके पर मिठाई बांटी गई।
चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. अजय कुमार आर्य, प्राचार्य डॉ. सी.पी. भैंसोडा, अधीक्षक डॉ. अमित कुमार सिंह और अन्य अधिकारियों ने सभी को बधाई दी और उम्मीद जताई कि नए नाम के साथ यह संवर्ग और बेहतर तरीके से मरीजों की सेवा करेगा।
इस कार्यक्रम में अरुण कुमार बडोनी, हेम बहुगुणा, नरेश कुमार आगरी, विनय कुमार जोशी, दीप चंद्र, अतुल कांत, मोहम्मद इकबाल, ममता बोरा और यशवंत सिंह रावत समेत कई अधिकारी मौजूद रहे।

