स्वयं सहायता समूह के प्रति ग्रामीण महिलाओं में जागरूकता बढ़ाये जाने की आवश्यकता : राज्यपाल श्रीमति मौर्य

नैनीताल । 18 जून 2021

राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य से शुक्रवार को कुमाऊँ क्षेत्र की स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने ग्रामीण विकास विभाग सहायक परियोजना निदेशक संगीता आर्य के साथ राजभवन में भेंट की। राज्यपाल ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से उनके गांवों की वर्तमान में महिलाओं की आर्थिक स्थिति तथा एस0एच0जी के प्रति महिलाओं की जागरूकता की जानकारी ली। महिलाओं को गांवों में एस0एच0जी के प्रति और अधिक जागरूक बनाने के लिए कार्यक्रम चलाकर सजग बनाने तथा अधिक से अधिक महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़े जाने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये।


राज्यपाल ने समूह संचालिकाओं से गांव की ऐसी महिलाओं और परिवारों की भी जानकारी ली जिनको राहत सामग्री, राशन किट दिये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने इन गांवों में 200 राशन किट, किशोरी बालिकाओं के लिए दो हजार सैनेटरी नैपकींस वितरित किये जाने की बात कही। राजभवन की ओर से उक्त सामग्री गांवों की जरूरतमंद महिलाओं को बांटी जायेगी।
राज्यपाल ने महिला स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से कहा कि राजभवन महिला उत्थान के कार्यों के लिए हमेशा तत्पर है। यदि समूह संचालन में किसी प्रकार की समस्या हो तो महिलायें निःसंकोच उनको बतायें।
उन्होंने ए.पी.डी को समूहों के संचालन के लिए महिलाओं को समय पर बैंको से ऋण, स्थान, उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चत किये जाने के निर्देश दिये।
विकासखण्ड हल्द्वानी से स्वयं सहायता समूह एकता की सदस्य श्रीमती पुष्पा पडालनी, विकासखण्ड हल्द्वानी से स्वयं सहायता समूह वैष्णवी की सदस्य श्रीमती बसन्ती राणा, विकासखण्ड कोटाबाग से स्वयं सहायता समूह पूजा की सदस्य श्रीमती उषा, विकासखण्ड ओखलकाण्डा से स्वयं सहायता समूह अम्बेडकर व नारी शक्ति की सदस्य श्रीमती विमला देवी तथा बसन्ती देवी, विकासखण्ड रामगढ से स्वयं सहायता समूह शीतल की सदस्य श्रीमती दीपा लोधियाल तथा विकासखण्ड बेतालघाट से स्वयं सहायता समूह हरीकृष्ण की सदस्य श्रीमती पुष्पा देवी ने राज्यपाल को महिला स्वंय सहायता समूहों के द्वारा बनाये गये उत्पादों की भी जानकारी दी। राज्यपाल ने समूहों को और अधिक सृदृढ़ बनाने के सम्बन्ध में महिलाओं के सुझाव भी आमंत्रित किये।
उन्होंने कहा कि अपने परिवार के जीवन स्तर में सुधार, बच्चों को पर्याप्त पोषण, बेहतर शिक्षा के लिए महिलायें ईमानदारी से प्रयास और परिश्रम कर आगे बढ़ें। महिलाओं के सजग और जागरूक होने से एक स्वस्थ और समर्थ समाज का निर्माण होता है।

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